काला रंग
ब्लैक रोज सी खूबसूरत थी वो
खिली खिली हंसी महकती थी उसकी
कहीं किसी को खटकती थी
काली थी वो
इसलिए बदसूरत कहलाती थी
वो काला रंग
उसकी खूबसूरती पर काले लिबास सा लिपट गया था
हटाए नहीं हटता था
दाग था वो
जो उसकी सीरत दिखने नहीं देता था
काला रंग उसकी बदसूरती का मापक था
यह उनकी सोच थी या नज़रीया था
जो सूरत का काला रंग देख पाते थे
काश !! सीरत का गोरा रंग भी देख पाते
काला रंग सूरत में हो तब चल जाएगा
सीरत का काला रंग कैसे बदला जाएगा
काश !! यह वो सब भी समझ पाते ।।
- कंचन सिंगला ©®
Punam verma
28-Jan-2023 08:32 AM
Very nice
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Abhinav ji
28-Jan-2023 07:43 AM
Very nice 👌
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